अंबाला। जहरीली शराब प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों सहित सप्लाइर्स को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित अंकित मोगली ने बताया कि उसने इंटरनेट से देखकर शराब बनानी सीखी थी। इथेनाल, डिस्टलर वाटर, लेबल लगाना और शराब बनाकर उसमें सुगंध के लिए एसेंस डालना सब कुछ इंटरनेट पर ही देखा था। आरोपित एक लीटर इथेनाल से 3 लीटर शराब तैयार करते थे। बड़ी बात यह है कि जो इथेनाल शराब में प्रयोग किया गया वह इंडस्ट्रियल ग्रेड था जिसका प्रयोग सैनिटाइजर बनाने में होता है।
आरोपित को 10 मार्च को ही इथेनाल कलंदरी गेट करनाल निवासी दीपा ने दिलवा दिया था लेकिन इसके बाद आरोपित मोगली को नकली शराब बनाने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं मिल रही थी। जेल में मोनू राणा से मुलाकात के बाद उसे गिरोह के सदस्यों ने उसके लिए जगह की व्यवस्था करवाई थी।
यह सामान किया आरोपितों से बरामद
पुलिस ने इस मामले में आरोपितों के पास से एक गाड़ी, इथेनाल के खाली ड्रम, आरओ प्लांट, एसेंस की बोतल व वाइन टेस्टिंग की किट बरामद कर ली है। आरोपित शराब में मिलाने के लिए असेंस चंडीगढ़ से खरीदकर लाए थे। गांव धनौरा के पास जहां जहरीली शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही थी वहां लोगों को बताया गया था कि वह यहां पर फिनाइल बना रहे हैं।
उत्तम पर पहले चल रहे थे तीन केस
आरोपित उत्तम जिसकी जमीन पर जहरीली शराब की फैक्ट्री चल रही थी उसपर पहले से ही तीन केस दर्ज थे। इनमें लड़ाई-झगड़े, कब्जे करने इत्यादि के केस शामिल हैं। इसी तरह आरोपित पुनीत जिसने उत्तम से फैक्ट्री आरोपित अंकित व कपिल पंडित इत्यादि को दिलवाई थी, पर भी तीन केस पहले से ही चल रहे थे। जबकि आरोपित मोहित पर पहली बार केस दर्ज किया गया है। लेकिन शराब के डिस्ट्रीब्यूटर विक्रांत राणा पर भी एक केस पहले दर्ज था।
आठ नवंबर को हुई थी पहली मौत
एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा ने बताया कि जहरीली शराब पीने से आठ नवंबर को पहली मौत अंबाला में हुई थी। इस मामले में जिले में केवल दो ही मौत हुई और लोकेश और दीपक इसी फैक्ट्री में शराब बनाने का काम करते थे। एसपी ने बताया कि 6-7 नवंबर को ही जहरीली शराब का पहला बैच फैक्ट्री से निकला था। इसके बाद पुलिस ने एक सप्ताह के भीतर सभी 12 आरोपितों को पकड़ लिया है।