चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा हैं कि पराली न जले इसके लिए आप सरकार को किसानों को वित्तीय सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सरकार कहती है कि केंद्र ने सहायता देने से मना कर दिया। अगर केंद्र ने मना तक दिया तो मान सरकार को वित्तीय सहायता देना चाहिए। क्योंकि मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं हैं। अगर ऐसा है तो फिर किसानों को वित्तीय सहायता देने में क्या हर्ज है।
SC ने पराली जलाने के लिए MSP को ठहराया जिम्मेदार
पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा, सरकार ने किसानों को वित्तीय सहायता क्या देनी थी उलटा सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के लिए एमएसपी को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर दृष्टि से देखने की जरूरत है। वहीं, जाखड़ ने मान सरकार पर आरोप लगाया कि गुरुपर्व के मौके पर सरकार केंद्र की गरीब कल्याण अन्न योजना को हाईजैक करने जा रही है। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 वर्षों तक गरीबों को अन्न मुफ्त देने की घोषणा की है।
आटे की थैली पर फोटो छापने के लिए आटा बांट रही पंजाब सराकर
उन्होंने कहा कि आप सरकार घर-घर आटा स्कीम ही इसलिए ला रही है ताकि आटे की थैली पर वह भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की फोटो छाप सके। जैसा की पहले बाढ़ के दौरान गुरुद्वारा से जाने वाले लंगर, आम आदमी क्लीनिक, अमृतसर में एक स्मार्ट स्कूल को स्कूल ऑफ एमिनेंस में बदलने के मामले में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि पटियाला में राजिंदरा अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू वार्ड का उद्घाटन कर आप सरकार ने ऐसे पेश किया जैसे स्वास्थ्य क्रांति ला दी हो, जबकि उसी अस्पताल का आज सेंट्रल एसी खराब है।
उन्होंने कहा कि घर-घर आटा स्कीम में भ्रष्टाचार की पूरी-पूरी संभावना है। क्योंकि घर-घर आटा पहुंचाने पर 650 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च आना है। वहीं, गेहूं में तो क्वालिटी का पता चल जाता था, जब पंजाब के 1.41 करोड़ लोगों को आटे की थैली मिलेगी तो उसमें कैसी कनक पिसेगी किसी को नहीं पता चलेगा।
आप के कई मंत्री विवादों में फंसे हैं
जाखड़ ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा एक कैबिनेट मंत्री के सैक्स स्कैंडल वाले वीडियो के आरोप को गंभीर बताते हुए कहा मुख्यमंत्री को तुरंत मजीठिया से वह पेन ड्राइव लेकर उसे देखना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा, यह भी नहीं कहा जा सकता है कि यह केवल राजनीति है क्योंकि आप पार्टी का अतीत ही ऐसा है। लाल चंद कटारूचक हो या फौजा सिंह सरारी उनके कई मंत्री इस तरह के विवादों में फंस चुके है।